dil dhadakta hai
सोमवार, 8 जुलाई 2019
तुम्हारी यादें
सोमवार, 24 जून 2019
हमारे मुल्क के बच्चों की किस्मत
शनिवार, 1 जून 2019
हौसला
शनिवार, 18 मई 2019
चीखती तख्तियाँ
सोमवार, 29 अप्रैल 2019
क्या पता
शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019
मेरे महबूब तू खफा तो है
मेरे महबूब तू खफा तो है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
प्यार हर पल तुझे बुलाएगा,
दिल ये तुझको न भूल पाएगा,
आजमा ले मुझे अगर चाहे,
मेरे दिल में सनम वफा तो है,
मेरे महबूब तू खफा तो है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
जिंदगी में तेरी कमी दिलबर,
तू न समझे ये और बात है पर,
मुझको तुझसे सनम मोहब्बत है,
मैंने सौ बार ये कहा तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
सरे-महफिल भी तेरा नाम लूं मैं,
तू जो चाहे तो हाथ थाम लूं मैं,
इस जमाने से छीन लूं तुझको,
मुझ में इतना कुछ हौसला तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
बारहां तेरा छत पे आ जाना,
और नजरों का मिल के झुक जाना,
कैसे कह दूं के खत्म है रिश्ता,
अब भी बाकी वो सिलसिला तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अभी कुछ रखा तो है।
शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018
तेरी यादों के पन्ने
मैं यादों के समंदर में ,
जो डूबा हूँ तो ज़िंदा हूँ।
तुम्हारे ज़िक्र की तस्बीह,
पढ़ता हूँ तो ज़िंदा हूँ।
मैं अक्सर रात में तन्हा,
तेरी तस्वीर तकता हूँ,
कभी तुमने लिखे थे जो,
वही तहरीर तकता हूँ,
तुम्हारे बाद ये थोड़े,
सहारे हैं तो ज़िंदा हूँ।
तुम्हारे बाद भी जाने,
है रिश्ता क्या तेरे घर से,
नहीं हो तुम मगर फिर भी,
गुज़रता हूँ तेरे दर से,
तेरी गलियों,तेरे कूचे ,
में चलता हूँ तो ज़िंदा हूँ।
कभी मुझको हंसाते हैं,
कभी मुझको रुलाते हैं,
तुम्हारे साथ गुज़रे पल,
बहुत ही याद आते हैं,
तेरी यादों के पन्ने जो,
पलटता हूँ तो ज़िंदा हूँ।